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 प्रलयावस्था में सब जीव कहाँ रहते हैं  ? ऋग्वेद के इस मंत्र में आपका ही प्रश्न है और इसका उत्तर भी। ओ३म् अमी ये देवा: स्थन त्रिष्वा रोचने दिव:। कद् व ऋतं कदनृतं क्व प्रजा व आहुतिर्वित्तं मे अस्य रोदसी।। जब सब लोकों की आहुति अर्थात् प्रलय होती है तब कार्य- कारण और जीव कहाँ रहते है? उत्तर  - सर्वव्यापी ईश्वर और आकाश में कारणरूप रूप से सब जगत् और अच्छी गाढ़ी निद्रा में सोते हुए के समान जीव रहते है। एक-एक सूर्य के प्रकाश और आकर्षण के विषय में जितने लोक है , उन सबको ईश्वर ने बनाया और धारण कर रहा है यह जानना चाहिए। प्रलय का लम्बा काल ( ४ अरब ३२ करोड़ वर्ष  ) सब जीवों के लिए समान नहीं है। जैसे गाढ़ निद्रा में सोए हुए व्यक्ति को समय के परिमाण का भान नही रहता, उसी तरह बद्ध जीवों को भी सुषुप्ति - अवस्था में रहने से प्रलय का भान नही होता। प्रन्तु मुक्त जीवात्माएं ज्ञान सहित मोक्ष के आनन्द को भोगती है , और बद्ध जीव ज्ञान रहित गाढ़ निद्रा के आनन्द को भोगा करती है । जिस प्रकार क्रमश: जगत् उत्पन्न होता है उसी प्रकार क्रमश: प्रलय को प्राप्त होता है; ईश्वर सदा एकरस रहता है। 
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  *मकर संक्रांति पर गौ पूजन* मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। उत्तरायण को शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इस दिन दान, स्नान, गंगा स्नान, सूर्य नमस्कार, तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल आदि का दान करने का विशेष महत्व होता है। जय कुलदेवी फॉउन्डेशन द्वारा संचालित जय कुलदेवी गौलोक में गौसेवक के रूप में योगदान कर रहे इंजिनियर विजय सिंह यादव, अधिवक्ता ने गौ माता के प्रति अपने समर्पण की बातें साझा करते हुए बताया कि मकर संक्रांति पर गौ पूजन का भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में गाय को माता माना जाता है। गाय को पृथ्वी पर सबसे पवित्र प्राणी माना जाता है। गाय से हमें दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र आदि प्राप्त होते हैं, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। गौ सेवा से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है। मकर संक्रांति पर गौ पूजन करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:     गौ पूजन से पुण्य की प्राप्ति होती है।     गौ पूजन से पापों का नाश होता है।     गौ पूजन से धन, यश, और