*मकर संक्रांति पर गौ पूजन*
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे उत्तरायण कहा जाता है। उत्तरायण को शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। इस दिन दान, स्नान, गंगा स्नान, सूर्य नमस्कार, तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल आदि का दान करने का विशेष महत्व होता है।
जय कुलदेवी फॉउन्डेशन द्वारा संचालित जय कुलदेवी गौलोक में गौसेवक के रूप में योगदान कर रहे इंजिनियर विजय सिंह यादव, अधिवक्ता ने गौ माता के प्रति अपने समर्पण की बातें साझा करते हुए बताया कि मकर संक्रांति पर गौ पूजन का भी विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में गाय को माता माना जाता है। गाय को पृथ्वी पर सबसे पवित्र प्राणी माना जाता है। गाय से हमें दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र आदि प्राप्त होते हैं, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। गौ सेवा से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है।
मकर संक्रांति पर गौ पूजन करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
    गौ पूजन से पुण्य की प्राप्ति होती है।
    गौ पूजन से पापों का नाश होता है।
    गौ पूजन से धन, यश, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
    गौ पूजन से स्वास्थ्य लाभ होता है।
    गौ पूजन से वातावरण शुद्ध होता है।

मकर संक्रांति पर गौ पूजन करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जा सकती है:
    सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    किसी गौशाला में जाएं और वहां की गाय माताओं को प्रणाम करें।
    गाय माताओं को रोटी, हरा चारा, गुड़, आदि खिलाएं।
    गाय माताओं की स्पर्श करके सहलाएं, इससे स्पर्श चिकित्सा के लाभ प्राप्त होते हैं।
    गाय माताओं की पूजा करें।

मकर संक्रांति पर गौ पूजन करके हम गौ माता के प्रति अपने प्रेम और आभार व्यक्त कर सकते हैं।
दया धर्म का मूल है,पाप मूल अभिमान
 तुलसी दया न छोड़िये जा घट तन में प्राण
#JayKulDeviGouLok




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